ब्रिटेन में 10 हजार लोगों पर होगा कोरोना की वैक्सीन का परीक्षण
सेहतराग टीम
चीन के वुहान से निकलकर पुरे दुनिया में तबाही मचाने वाला कोरोना वायरस इस समय सबसे बड़ा सिर दर्द बना हुआ है। इससे बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की जा रही है और लोगों को मास्क पहन कर ही घर से निकलने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन इसके मामलों को देखे तो ये ऐसे खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है। इसलिए कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए ब्रिटिश वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में जुटे हैं, जिसका परीक्षण अगले चरण में पहुंच रहा है। अगर ये सफल हो जाता है तो इसे दस हजार से अधिक लोगों को लगाने की तैयारी की जा रही है।
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ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में टीका विकसित करने के काम में लगी टीम का नेतृत्व कर रहे एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि अध्ययन बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है और हम बुजुर्गों में भी इस टीके का परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह टीका पूरी आबादी को सुरक्षा मुहैया करा सकता है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा तैयार टीके में नुकसान नहीं पहुंचाने वाले चिम्पैंजी कोल्ड वायरस का इस्तेमाल किया गया है। इसमें ऐसे बदलाव किए गए हैं, ताकि शरीर कोरोना से लड़ने वाले प्रोटीन से युक्त हो जाए। चीनी कंपनी भी इसी तकनीक पर टीका विकसित कर रही है।
कोरोना से बचाव के लिए कई संभावित टीकों को अलग-अलग प्रौद्योगिकी से विकसित किया जा रहा है और इससे कम से कम एक के सफल होने की उम्मीद बढ़ जाती है।
कोरोना वायरस के इलाज के लिए करीब एक दर्जन संभावित टीके मानव पर परीक्षण शुरू करने के लिए शुरुआती चरण में पहुंच गए हैं या शुरू होने वाले हैं। इनमें से अधिकतर चीन, अमेरिका और यूरोप के हैं एवं दर्जनों अन्य टीके विकास के शुरुआती दौर में हैं।
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